सबसे पहले आपकी छत या जमीन का सर्वे किया जाता है। इसमें छत की स्थिति, सूरज की रोशनी का आकलन, और स्थान की उपयुक्तता का मूल्यांकन किया जाता है।
सर्वे के बाद, आपकी छत के आकार और सूर्य की दिशा को ध्यान में रखते हुए इंस्टॉलेशन का डिज़ाइन तैयार किया जाता है।
योजना का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होता है कि आप अधिकतम सौर ऊर्जा उत्पन्न कर सकें।
इस चरण में, चुने गए सोलर पैनल और मॉड्यूल को छत या जमीन पर माउंट किया जाता है।
माउंटिंग स्ट्रक्चर मजबूत और टिकाऊ होना चाहिए ताकि पैनल किसी भी मौसम में सुरक्षित रहें।
सोलर पैनल्स से उत्पन्न बिजली की मात्रा की जांच की जाती है, और सुनिश्चित किया जाता है कि सिस्टम सही ढंग से काम कर रहा है।
सुनिश्चित करें कि आप केवल सरकार द्वारा अधिकृत कंपनियों से ही सोलर पैनल इंस्टॉल करवा रहे हैं
अधिकतर सोलर पैनल कम से कम रखरखाव के साथ भी 25 साल तक चलते हैं।
सोलर पैनल्स को साफ रखना और सिस्टम की समय-समय पर जांच करना, उनकी कार्यक्षमता को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है।