Mutual Fund Tips: म्युचुअल फंड निवेश बाजार का एक जोखिम भरा निवेश है. क्योंकि अगर आप किसी इक्विटी म्युचुअल फंड स्कीम में ₹100 का निवेश भी कर रहे हो तो वह ₹10050 तरह के अलग-अलग कंपनियों के शेयर्स खरीदने में उपयोग किया जा रहा है कंपनियों के शेयर्स जैसे-जैसे ग्रंथ देंगे आपका पैसा भी वैसे-वैसे बढ़ेगा अगर कंपनियों के शेयर्स में कमी आएगी तो साधारण सी बात है आपका भी पैसे में कमी आएगी ही जो कि आपको नुकसान देह साबित होगा.
बाजार निवेश के बावजूद भी म्युचुअल फंड इन्वेस्टमेंट अधिक सुरक्षित है डायवर्सिफाई और तगड़ा रिटर्न देने वाली यह एक स्कीम है यहां यूनिवेशकों के लिए भी ऑप्शन है जो जरा से अभी रिस्क लेना नहीं चाहते हैं और उन निवेशकों के लिए भी है जो तगड़ा निवेश करना चाहते हैं तगड़ा रिस्क लेना चाहते हैं उनके लिए भयंकर हाई रिटर्न भी होता है.
अगर आप भी प्लानिंग कर रहे हैं कि आप ऐसे ही म्युचुअल फंड के साथ जोड़ना चाहते हैं जहां पर आप अच्छा खासा मोटा पैसा बना लेंगे तो आपके लिए एक खास फार्मूला बताने वाला हूं जिसे आप अपने निवेश प्लान में शामिल करके एक बेहतरीन और अच्छा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं तो नीचे इस प्रकार से बताया गया है.
म्युचुअल फंड का यह नियम क्या है?
म्युचुअल फंड में निवेश का एक साथ फार्मूला है जिसमें 7 साल 5 बिंदु, 3 जोखिम और 1 बढ़ाएं का ऐसा फार्मूला बताया गया है रिटर्न के लिए 7 साल से अधिक आप म्युचुअल फंड में निवेश करें जिससे कि आप तगड़े और भयंकर प्रॉफिट कमा सकें.
फॉर्मूले में कुछ महत्वपूर्ण बिंदु है जो आपको ध्यान देना है?
- बेहतर क्वालिटी के फंड का चुनाव
- वैल्यू पर आपको खास ध्यान देना होगा
- मिड कैप और स्मॉल कैप कंपनियों में ग्रंथ की संभावना अत्यधिक होती है इनमें निवेश फायदेमंद साबित हो सकता है.
- ग्लोबल स्टॉक यानी देश-विदेश के फंड में निवेश से अधिक संभावनाएं बनी रहती हैं
- उभरते हुए स्टॉक जो भी छोटे हैं या फिर बड़े उन में भी पूरी अच्छे रिटर्न की संभावना होती है.
अगर हम फार्मूले का अगला कदम तीन निराशा और जलन को दर्शाता है इस स्थिति में जब आपका फंड 7 से लेकर 10 फ़ीसदी का रिटर्न दे निराशा होगी इसके बाद आप 7 से 0% का भी रिटर्न दे सकता है. और निवेश में हमेशा उतार चढ़ाव लगा रहता है तो आप ऐसा कभी ना सोचे कि निवेश में मेरे मंदि आ चुकी है और निवेश कम हो रहा है.
फार्मूले के आखिरी अंक एक स्टेप आप SIP को दर्शाता है जो समय के साथ-साथ अपनी सैलरी बढ़ाने पर SIP राशि भी बढ़ते रहें लंबे समय में कंपाउंडिंग का फायदा आपको मिलता रहता है जैसे कि अगर आपकी सैलरी बढ़ती है तो आप SIP में निवेश भी बढ़ते रहिए इसका फायदा यह होता है कि आने वाले समय में आपको अच्छा खासा रिटर्न मिलेगा जो कि शायद बैंक भी नहीं दे पाती है.
Desclaimer: ऊपर बताई गई जानकारी रिसर्च के हिसाब से दी जा रहे हैं हमारे द्वारा किसी भी फाइनेंशियल एडवाइजरी नहीं दी जाती है अगर आप कहीं भी निवेश करना चाहते हैं तो आप अपने वित्तीय सलाहकार से जरूर सलाह ले उसके बाद ही आप निवेश की प्लानिंग करें.