Ayushman Bharat Yojana पात्रता और लाभ
Ayushman Bharat Yojana की पात्रता सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना 2011 (SECC 2011) के आधार पर तय की जाती है। ग्रामीण क्षेत्रों में कच्चे मकानों में रहने वाले, बिना वयस्क पुरुष सदस्य वाले परिवार, SC/ST परिवार और भूमिहीन मजदूर इस योजना के लिए पात्र हैं। शहरी क्षेत्रों में रिक्शा चालक, निर्माण श्रमिक, दुकान सहायक और सफाई कर्मचारी जैसे व्यवसायों से जुड़े लोग लाभ ले सकते हैं। 2025 में एक बड़ा अपडेट यह है कि 70 वर्ष से अधिक उम्र के सभी वरिष्ठ नागरिक, चाहे उनकी आर्थिक स्थिति कुछ भी हो, इस योजना में शामिल हैं। यह योजना प्रति परिवार 5 लाख रुपये का कैशलेस कवर देती है, जिसमें 25 विशेषज्ञताओं जैसे कार्डियोलॉजी, ऑन्कोलॉजी और न्यूरोसर्जरी के लिए सेकेंडरी और टर्शियरी देखभाल शामिल है। कोविड-19 जैसी बीमारियों का इलाज भी कवर होता है। लाभार्थी किसी भी सूचीबद्ध सरकारी या निजी अस्पताल में मुफ्त इलाज करवा सकते हैं।
Ayushman Bharat Yojana आवेदन की आसान प्रक्रिया
Ayushman Bharat Yojana का लाभ उठाने के लिए आयुष्मान कार्ड जरूरी है, जिसे ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से बनवाया जा सकता है। ऑनलाइन आवेदन के लिए beneficiary.nha.gov.in पर जाएं, जहां मोबाइल नंबर और OTP के जरिए लॉगिन कर सकते हैं। इसके बाद आधार नंबर, परिवार आईडी या PM-JAY आईडी डालकर पात्रता चेक करें। e-KYC पूरी करने के बाद कार्ड डाउनलोड हो जाता है। ऑफलाइन प्रक्रिया के लिए नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर आधार कार्ड, राशन कार्ड और मोबाइल नंबर के साथ जाएं। 2025 में आयुष्मान ऐप ने कार्ड बनाने की प्रक्रिया को और आसान बनाया है, जिसमें डिजिलॉकर एकीकरण भी शामिल है। लाभार्थी 14555 हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके या आयुष्मान मित्र से अस्पतालों में सहायता ले सकते हैं। यह कार्ड कैशलेस और पेपरलेस इलाज सुनिश्चित करता है, जिससे मरीजों को तुरंत राहत मिलती है।
Ayushman Bharat Yojana नए अपडेट और बदलाव
2025 में Ayushman Bharat Yojana ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। सितंबर 2024 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 70 वर्ष से अधिक उम्र के 6 करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को शामिल करने का फैसला किया, जिन्हें अलग से 5 लाख रुपये का कवर मिलेगा। दिल्ली और ओडिशा जैसे राज्यों ने 2025 में इस योजना को लागू किया, जिससे अब केवल पश्चिम बंगाल को छोड़कर पूरे देश में यह सक्रिय है। अप्रैल 2025 तक, देशभर में 30,957 अस्पताल इस योजना से जुड़े हैं, जिनमें 1,961 मेडिकल प्रक्रियाएं कवर होती हैं। योजना ने अब तक 1 करोड़ से ज्यादा मरीजों को 13,412 करोड़ रुपये से अधिक का इलाज प्रदान किया है। हालांकि, कुछ निजी अस्पतालों का कम जुड़ना और ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता की कमी चुनौतियां हैं। फिर भी, यह योजना गरीब परिवारों को कर्ज के जाल से बचाने और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं देने में सफल रही है।